top of page
futurepointindiapv

जन्मकालिक संस्कार



हिन्दू धर्म में जन्मकालिक संस्कारों का महत्वपूर्ण स्थान है। इनमें से एक है "बच्चे की छठी पूजन विधि"। यह एक प्राचीन परंपरा है जिसमें माता-पिता अपने नवजात शिशु की लंबी आयु और कल्याण की कामना करते हैं।

इस विधि में, जन्म के छठे दिन माता-पिता पूजा करते हैं और देवताओं से बच्चे के स्वास्थ्य और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं। पूजा के दौरान, माता बच्चे को गोद में लेती है और पिता मंत्रोच्चार करते हुए तिलक लगाते हैं। इसके बाद, बच्चे का नाम रखा जाता है और उसे मिठाइयां खिलाई जाती हैं।

कुछ क्षेत्रों में, माता भी सात दिनों तक पवित्र रहती है और पूजा में भाग लेती है। इस अवसर पर, रिश्तेदारों और दोस्तों को भी आमंत्रित किया जाता है और उन्हें प्रसाद वितरित किया जाता है।

"बच्चे की छठी पूजन विधि" न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह नए माता-पिता और उनके परिवार के लिए एक खुशी का अवसर भी है। इससे बच्चे को आशीर्वाद मिलता है और उसके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी जाती हैं।

4 views0 comments

Comments


bottom of page